आधुनिक संत कैसा होना चाहिए : (संस्थान के गुरु के वक्तब्यों से लिया गया - संत किसे कहते हैं)
:: घर आये विरोधियों का भी जो सत्कार करते हैं,
नासमझ अहंकारियों का जो तिरस्कार करते हैं,
परिस्थितियाँ कितनी ही डगमगाएं सिर्फ संतुलन पर रहते हैं - संत उसे कहते हैं।
:: चन्द्रगुप्त की तरह दृढ़ता रखते हैं, हरिश्चंद्र की तरह सत्यता रखते हैं ,
विभीषण की तरह भक्ति रखते हैं, सम्राट अशोक की तरह शक्ति रखते हैं,
सागर की तरह होते हुए भी बूंद की तरह जीते हैं - संत उसे कहते हैं।
:: कृष्ण की तरह तेज हो जिसके पास, महाराणा प्रताप की तरह वेग हो जिसके पास,
दुःख में भी लोगों को गले लगा सके, जरुरत पड़ने पर घास की रोटी भी खा सके,
कितना ही बुरा क्यों न हो जाये भावनाओं में नहीं बहते हैं - संत उसे कहते हैं।
:: कौवे की तरह चपलता हो, और बगुले की तरह एकाग्रता भी हो,
अजगर के तरह इंतज़ार हो, और गेहुँवन की तरह फुँफकारता भी हो,
अपना घर भी जल जाये फिर भी शान से रहते हैं - संत उसे कहते हैं।
:: सत्यता जिसका श्रृंगार हो, और करुणा जिसकी कृपाण हो,
बातें जिसकी तीर की तरह हों, और संयम उसका कमान हो,
हार जिसके शब्दकोश में ही न हो, और मरना उसके लिए सबसे आसान हो,
धर्म की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं - संत उसे कहते हैं।
----- SSSBK Sansthan, Ballia (Uttar Pradesh).
:: घर आये विरोधियों का भी जो सत्कार करते हैं,
नासमझ अहंकारियों का जो तिरस्कार करते हैं,
परिस्थितियाँ कितनी ही डगमगाएं सिर्फ संतुलन पर रहते हैं - संत उसे कहते हैं।
:: चन्द्रगुप्त की तरह दृढ़ता रखते हैं, हरिश्चंद्र की तरह सत्यता रखते हैं ,
विभीषण की तरह भक्ति रखते हैं, सम्राट अशोक की तरह शक्ति रखते हैं,
सागर की तरह होते हुए भी बूंद की तरह जीते हैं - संत उसे कहते हैं।
:: कृष्ण की तरह तेज हो जिसके पास, महाराणा प्रताप की तरह वेग हो जिसके पास,
दुःख में भी लोगों को गले लगा सके, जरुरत पड़ने पर घास की रोटी भी खा सके,
कितना ही बुरा क्यों न हो जाये भावनाओं में नहीं बहते हैं - संत उसे कहते हैं।
:: कौवे की तरह चपलता हो, और बगुले की तरह एकाग्रता भी हो,
अजगर के तरह इंतज़ार हो, और गेहुँवन की तरह फुँफकारता भी हो,
अपना घर भी जल जाये फिर भी शान से रहते हैं - संत उसे कहते हैं।
:: सत्यता जिसका श्रृंगार हो, और करुणा जिसकी कृपाण हो,
बातें जिसकी तीर की तरह हों, और संयम उसका कमान हो,
हार जिसके शब्दकोश में ही न हो, और मरना उसके लिए सबसे आसान हो,
धर्म की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं - संत उसे कहते हैं।
----- SSSBK Sansthan, Ballia (Uttar Pradesh).